मास्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तहा कि तेल खरीद के मामले में भारत कभी अमेरिका या किसी अन्य ने दबाव में आने वाला देश नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी भी ऐसा निर्णय नहीं करेंगे जो भारत की संप्रभुता को ठेस पहुंचाए। पुतिन गुरुवार को सोची में आयोजित वाल्दाई पॉलिसी फोरम में बोल रहे थे।
पुतिन ने चेतावनी दी कि अगर रूसी तेल पर ऊंचे टैरिफ लगाए गए या भारत ने खरीद बंद की, तो इसका असर सिर्फ भारत या रूस तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया की ऊर्जा कीमतों पर पड़ेगा। उन्होंने अनुमान जताया कि भारत को अकेले 9 से 10 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है। वहीं वैश्विक स्तर पर तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच सकते हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत जैसे देशों में लोग अपने नेताओं के फैसलों पर बारीकी से नज़र रखते हैं। वे यह कभी स्वीकार नहीं करेंगे कि उनका देश किसी और के दबाव में झुके। उन्होंने मोदी को “दोस्त” बताते हुए कहा कि वे उनके साथ भरोसे के साथ किसी भी मुद्दे पर बात कर सकते हैं। पुतिन ने दिसंबर में प्रस्तावित अपनी भारत यात्रा को लेकर उत्साह जताया।
पुतिन ने माना कि भारत द्वारा बड़े पैमाने पर तेल खरीदने के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन पैदा हुआ है। इसे दूर करने के लिए उन्होंने अपनी सरकार को ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारत चाहे तो इस असंतुलन को ठीक करने के लिए रूस से और अधिक कृषि उत्पाद और दवाइयां आयात कर सकता है।
अपने संबोधन में पुतिन ने अमेरिका की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन भारत जैसे देशों पर रूसी ऊर्जा न खरीदने का दबाव डालता है, लेकिन खुद परमाणु ईंधन यानी यूरेनियम के लिए रूस पर निर्भर है। पुतिन ने कहा, “हम अमेरिका को यूरेनियम सप्लाई जारी रखेंगे क्योंकि यह उनके लिए भी फायदे का सौदा है।”
