03/10/25
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आतंकी नेटवर्क पर NIA का बड़ा एक्शन, 5 राज्यों और जम्मू-कश्मीर में 22 ठिकानों पर छापेमारी

Pravar Bani Desk :  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को एक आतंकी साजिश से जुड़े मामले में देशभर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के कुल 22 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह ऑपरेशन देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों को लेकर शुरू किए गए एक केस (RC-1/2025/NIA/CHE) के सिलसिले में किया गया, जिसे इस साल की शुरुआत में गृह मंत्रालय ने गंभीरता से लेते हुए NIA को सौंपा था।

सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी बिहार के आठ, जम्मू-कश्मीर के नौ, उत्तर प्रदेश के दो और कर्नाटक, महाराष्ट्र व तमिलनाडु में एक-एक स्थान पर की गई। सबसे अधिक छापे जम्मू-कश्मीर में डाले गए, जबकि बिहार इस मामले में दूसरे नंबर पर रहा। जांच एजेंसी की अलग-अलग टीमों ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर इन स्थानों पर एक समन्वित अभियान चलाया। खुफिया सूचनाओं के आधार पर संदिग्धों के घरों और परिसरों की गहन तलाशी ली गई।

NIA को संदेह है कि यह नेटवर्क देश में अस्थिरता फैलाने की मंशा से आतंकी फंडिंग, युवाओं की भर्ती और कट्टरपंथ फैलाने जैसी गतिविधियों में संलिप्त है। एजेंसी का मानना है कि इस नेटवर्क के तार सीमापार स्थित आतंकी आकाओं और संगठनों से भी जुड़े हो सकते हैं। बीते कुछ महीनों में NIA ने ऐसे कई संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, जो डिजिटल माध्यमों और स्थानीय नेटवर्क के जरिए देश के युवाओं को उकसाने का काम कर रहे थे।

इस कार्रवाई का मकसद न केवल आतंकी फंडिंग और भर्ती से जुड़े सबूत इकट्ठा करना है, बल्कि यह भी पता लगाना है कि इन गतिविधियों में कौन-कौन लोग शामिल हैं और उनका नेटवर्क किस तरह से फैला हुआ है। जांच एजेंसी का ध्यान इस बात पर भी है कि क्या ये संदिग्ध किसी बड़े हमले की योजना बना रहे थे या फिर किसी संगठन के स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे थे।

जम्मू-कश्मीर के बारामूला, अनंतनाग, कुलगाम और पुलवामा जैसे संवेदनशील जिलों में तलाशी अभियान अब भी जारी है। अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि इन तलाशी अभियानों से उन्हें ऐसे सुराग मिल सकते हैं, जो आने वाले दिनों में पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने में मदद करेंगे। यह ऑपरेशन न केवल देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि केंद्र सरकार की आतंकवाद के प्रति सख्त नीति का भी उदाहरण है।