रांची। झारखंड सरकार ने 1988 बैच की सेवानिवृत्त आईएएस अलका तिवारी ने 2 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन झारखंड के राज्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार संभाल लिया। वह 30 सितंबर को राज्य के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं और इसके अगले ही दिन सरकार ने उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी।
अलका तिवारी ने पदभार संभालने के बाद शुक्रवार को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की।
राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर उनकी नियुक्ति झारखंड पंचायत राज अधिनियम, 2001 की धारा 66 (2) के तहत की गई है।
अधिसूचना के मुताबिक, वह पदभार ग्रहण की तिथि से चार वर्ष तक राज्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्य करेंगी। यदि वे चार वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले 65 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेती हैं, तो उस तिथि को उनका पद स्वतः रिक्त हो जाएगा। उनकी सेवाशर्तें और पदावधि झारखंड राज्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2001 तथा समय-समय पर हुए संशोधनों के अनुसार होंगी।
राज्य में निर्वाचन आयुक्त के पद पर इसके पूर्व उनके पति सेवानिवृत्त आईएएस डीके तिवारी पदस्थापित थे। करीब छह माह पहले उनका कार्यकाल पूरा हुआ था। इसके बाद से यह पद रिक्त पड़ा था। उम्मीद की जा रही है कि इस पद पर नई नियुक्ति के साथ राज्य में नगर निकायों के तीन वर्ष के लंबित चुनाव की अधिसूचना जल्द जारी की जा सकती है। अलका तिवारी झारखंड की आठवीं राज्य निर्वाचन आयुक्त हैं।
अलका तिवारी का प्रशासनिक करियर तीन दशक से अधिक का रहा है। वे केंद्र सरकार और झारखंड सरकार में कई अहम पदों पर रही हैं। उन्हें नीति आयोग, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा राज्य में ग्रामीण विकास और सामाजिक कल्याण विभागों में काम का व्यापक अनुभव है। झारखंड सरकार के मुख्य सचिव के रूप में उन्होंने 1 नवंबर, 2024 से 30 सितंबर, 2025 तक कार्य किया।
मुख्य सचिव के पद से उनकी सेवानिवृत्ति के बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को इस पद पर 1993 बैच के आईएएस अधिकारी अविनाश कुमार को पदस्थापित किया है। अविनाश कुमार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अपर मुख्य सचिव और नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन के अपर स्थानिक आयुक्त का भी अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे।
