गुमला : गुमला जिला अन्तर्गत सिसई प्रखण्ड के घाघरा पंचायत में स्थित दारी टोंगरी में बारह पड़हा दारी जतरा का आयोजन किया गया।जतरा में जिले के विभिन्न सुदूर ग्रामीण के ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी थी,बारह पड़हा जतरा का महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को मेला में आने के लिए अपनी और आकर्षित करती है, इस जतरा में बुढ़ा महादेव, नकटी देवता, पुरखा कंडो की आस्था से लोगों का गहरा जुड़ाव है , उसकी पूजा अर्चना कर लोग अपनी अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की मनोकामनाएं करते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होने के बाद उक्त स्थान पर आकर पूजा अर्चना करते हैं,जतरा के मुख्य अतिथि विधायक जिगा सुसारन होरो ने कहा कि हमारी परंपरा एवं संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन जरुरी है। प्रकृति के रूप में हमारे धर्म और संस्कृति एक दूसरे से जुड़े हैं। विधायक जिग्गा सुसारन होरो ने जतरा मेला में आए सभी लोगों को मेला की शुभकामनाएं दी और गांव समाज के विकास के लिए मिलकर कार्य करने की अपील की। पूर्व सांसद सुदर्शन भगत ने कहा कि जतरा एक दुसरे से मेल मिलाप और भाईचारा का प्रतीक है। जतरा में क्षेत्र और समाज के सभ्यता संस्कृति की झलक देखने को मिलती हैं। मौके पर धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने कहा कि जतरा मेला आदिवासी सभ्यता संस्कृति की पहचान है। इसका संरक्षण और संवर्धन जरूरी है।मौके पर जतरा मे सिसई प्रमुख मीना उरांव, जिप सदस्य सिसई उतरी विजय लक्ष्मी कुमारी, कैप्टन लोहरा उरांव, पड़हा कोटवार गजेंद्र उरांव, पड़हा कोहा बेल जुब्बी उरांव, जतरा समिति के सदस्य पुनई उरांव, कमलेश उरांव, सुकरु उरांव उर्फ टाना भगत, चैताली सेनगुप्ता , बसंत कुमार गुप्ता, रंथु उरांव, प्रभात उरांव, सतोष उरांव, कमलेश मुंडा, कार्तिकेश्वर मिश्रा, तिम्बड़ु टाना भगत, इंद्रपाल उरांव, जयमंगल के साथ, भारी संख्या में लोग मौजुद थे।
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