रांची। झारखंड हाईकोर्ट के एक महत्वपूर्ण आदेश के बाद राज्य के 332 डीएसपी (पुलिस उपाधीक्षक) की पूर्व में प्रकाशित वरीयता सूची रद्द कर दी गई हैं। इसके बाद गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने शुक्रवार को संशोधित वरीयता सूची जारी कर दी है, जो 1 जनवरी 2016 से प्रभावी मानी जाएगी।यह कदम झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा 11 सितंबर 2010 को जारी विज्ञापन के तहत आयोजित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर उठाया गया है। संशोधित सूची में डीएसपी रैंक के अधिकारियों की वरीयता अब उनके जेपीएससी परीक्षा के अंकों के अनुसार तय की गई है।गृह विभाग ने यह कार्रवाई झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में की है। कोर्ट ने W.P.(S) No. 2297/2020 और W.P.(S) No. 5026/2021 से संबंधित दो रिट याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 28 जुलाई 2025 को स्पष्ट निर्देश दिया था कि विभाग याचिकाकर्ताओं और अन्य अधिकारियों की वरीयता को जेपीएससी परीक्षा में प्राप्त वास्तविक अंकों के आधार पर दोबारा निर्धारित करे।हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि वरीयता तय करने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की मनमानी या असमानता नहीं होनी चाहिए और इसे आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के परिणामों पर ही आधारित होना चाहिए।गृह विभाग के मुताबिक, नई वरीयता सूची उन सभी डीएसपी पर लागू होगी जिनकी नियुक्ति 2010 के विज्ञापन के तहत हुई थी। इस संशोधन से अब इन अधिकारियों की पदोन्नति, वरिष्ठता और सेवा लाभों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, विभाग ने हाईकोर्ट के निर्देश के अनुरूप पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रक्रिया का पुनर्मूल्यांकन किया है। नई सूची की प्रति सभी संबंधित जिला पुलिस कार्यालयों और कार्मिक अभिलेखों में भेजी गई है।
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