12/11/25
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  “सेना से सरकारी नौकरी तक सवर्ण जातियां कर रहीं कब्जा” बिहार में वोटिंग से पहले राहुल गांधी के जाति दांव पर विवाद

कुटुम्बा ; कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार के कुटुंबा में एक चुनावी रैली के दौरान गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत की बड़ी कंपनियों, सरकारी नौकरियों और सेना में सवर्ण जातियों का दबदबा है। उनका कहना है कि देश की 90% आबादी, जो दलित, पिछड़ी जातियां और अल्पसंख्यकों से है, इन महत्वपूर्ण स्थानों पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं करती। यह बयान उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले दिया। राहुल गांधी ने राष्ट्रीय जातिगत जनगणना की मांग को एक बार फिर उठाते हुए कहा कि यह समान प्रतिनिधित्व और संवैधानिक अधिकारों के लिए बेहद आवश्यक है। उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे खतरनाक बताया है। राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि अगर 500 बड़ी कंपनियों की सूची पर नजर डाली जाए तो उनमें दलित, अत्यंत पिछड़ी जातियां, महादलित, अल्पसंख्यक और आदिवासी नहीं दिखाई देंगे। उन्होंने दावा किया कि ये सभी लोग देश की केवल 10% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो सवर्ण जातियों से आते हैं। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि बैंकों का सारा धन, सारी नौकरियां और नौकरशाही के महत्वपूर्ण पद इन्हीं सवर्ण जातियों को मिलते हैं। राहुल गांधी ने सेना पर भी सवर्णों के नियंत्रण का आरोप लगाया। हालांकि, सेना के पास इस तरह के जातिगत आंकड़ों का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। इसी तरह, उच्च न्यायपालिका के बारे में भी सीमित जानकारी ही उपलब्ध है। राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय पर आया जब वे कुटुंबा में एक रैली को संबोधित कर रहे थे, जो एक अनुसूचित जाति (SC) आरक्षित सीट है। राहुल गांधी के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। BJP नेताओं ने उनके इस बयान को देश को बांटने वाला और खतरनाक बताया है। BJP प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “राहुल गांधी अब हमारी सशस्त्र सेनाओं को भी जाति के आधार पर बांटना चाहते हैं! भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना ‘राष्ट्र प्रथम’ के लिए खड़ी हैं, न कि जाति, धर्म या वर्ग के लिए। राहुल गांधी हमारी बहादुर सशस्त्र सेनाओं से नफरत करते हैं! राहुल गांधी भारत विरोधी हैं!” आंध्र प्रदेश के मंत्री सत्य कुमार यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा, यह बयानबाजी एक नए निचले स्तर पर पहुंच गई है। भारतीय सेना को अपनी जातिवादी बयानबाजी में घसीटकर, उन्होंने दुनिया की सबसे पेशेवर और अराजनीतिक ताकतों में से एक का अपमान किया है, जहां सैनिक जाति के आधार पर नहीं, बल्कि तिरंगे के लिए सेवा करते हैं।” मुंबई BJP प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी से नफरत में, वह पहले ही भारत से नफरत की सीमा पार कर चुके हैं।”

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