12/11/25
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सुप्रीम कोर्ट का देश के सभी राज्यों को आदेश स्कूल, अस्पताल, बस अड्डों से आवारा कुत्तों को हटाएं

नई दिल्ली। देशभर कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि अब सभी शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, खेल परिसरों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थलों को इस तरह से घेरा (फेंस) जाए कि आवारा कुत्ते इन परिसरों में प्रवेश न कर सकें। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम्स में रखा जाएगा और उन्हें वापस उसी स्थान पर नहीं छोड़ा जाएगा।
जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की पीठ ने यह आदेश सुनाते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि स्थानीय निकाय (नगर निगम, नगर पालिका, पंचायत आदि) इस प्रक्रिया की निगरानी करें। अदालत ने कहा कि पकड़े गए कुत्तों का टीकाकरण और नसबंदी कर उन्हें शेल्टर में रखा जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि इन स्थानों पर नियमित जांच की जाए ताकि दोबारा आवारा कुत्तों का ठिकाना न बन सके।
सुप्रीम कोर्ट ने केवल कुत्तों पर ही नहीं, बल्कि आवारा मवेशियों पर भी सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने सभी राज्यों को आदेश दिया कि सड़कों और हाइवे पर घूमने वाले मवेशियों को तुरंत हटाया जाए और उन्हें गोशालाओं या शेल्टरों में भेजा जाए। अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि इस दिशा में एक राज्यव्यापी अभियान चलाया जाए।
कोर्ट ने सड़क परिवहन विभाग, नगर निगम प्राधिकरण और एनएचआई को यह जिम्मेदारी दी है कि वे उन स्थानों की पहचान करें जहां अक्सर आवारा पशु देखे जाते हैं। ऐसे क्षेत्रों में निगरानी के लिए हाइवे पेट्रोल टीम और 24×7 हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने का भी निर्देश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को आठ सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है, जिसमें बताया जाए कि आदेशों के पालन की क्या व्यवस्था की गई है। अदालत ने यह भी चेतावनी दी है कि आदेशों का अनुपालन न होने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

कोर्ट के आदेश की पांच बड़ी बातें
1. सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएंगे, ताकि आवारा पशुओं की सूचना दी जा सके।
2. सभी राज्यों के मुख्य सचिव निर्देशों के पालन की निगरानी करेंगे और 3 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट व हलफनामा दाखिल करेंगे।
3. दो हफ्ते में राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश उन स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों की पहचान करेंगे, जहां आवारा जानवर घूमते हैं, और उनकी एंट्री रोकने के लिए बाड़ लगाई जाएगी।
4. हर परिसर में नोडल अधिकारी नियुक्त होगा, जो रखरखाव और जांच की निगरानी करेगा।
5. पकड़े गए कुत्तों को दोबारा उसी जगह नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था।

घटनाक्रम: अब तक क्या-क्या हुआ
• 11 अगस्त 2024: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR से आवारा कुत्तों को उठाने और शेल्टर में भेजने का आदेश दिया।
• 22 अगस्त 2024: तीन-न्यायाधीशीय पीठ ने आदेश पर रोक लगाई, कहा कि “यह बहुत सख्त और जरूरत से ज्यादा था।”
• अक्टूबर 2024: कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया, आदेशों के पालन में ढिलाई पर नाराजगी जताई।
• 7 नवंबर 2025: कोर्ट ने फिर से सख्त रुख अपनाते हुए सभी राज्यों को आवारा पशु और कुत्तों को हटाने का आदेश जारी किया।

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