हेडिंगः डायन-बिसाही, अफीम की खेती और कुरीतियों के खिलाफ लड़ेंगे टाना भागत
रांची। उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजन्त्री ने सोमवार को समाहरणालय सभागार में टाना भगत समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस बैठक में रांची सहित पांच से छह जिलों से आए टाना भगतों ने हिस्सा लिया और अपनी विभिन्न मांगों एवं समस्याओं को विस्तार से रखा।
उपायुक्त भजन्त्री ने सभी बिंदुओं को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि जिला प्रशासन टाना भगत समुदाय की समस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने आश्वासन दिया कि हर मांग का समाधान विधिसम्मत और व्यवहारिक तरीके से किया जाएगा।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने टाना भगतों के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि देश की आजादी में उनका अमूल्य सहयोग रहा है। उन्होंने कहा, “जिस तरह आपने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी, अब समय है नए अंग्रेजों — यानी नशा, अफीम की खेती और सामाजिक कुरीतियों — से मुकाबला करने का।”
उपायुक्त ने कहा कि आज नशा, हड़िया (स्थानीय शराब), अफीम की खेती, डायन-बिसाही जैसी प्रथाएं और झोलाछाप इलाज समाज को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समय सत्य, अहिंसा और अनुशासन के उसी बल से इन बुराइयों से संघर्ष करने का है, जैसा टाना भगतों ने स्वतंत्रता संग्राम में दिखाया था। यही आज के समय की सच्ची देशभक्ति और समाज सेवा है।
श्री भजन्त्री ने कहा कि टाना भगत एक अनुशासित और तपस्वी समुदाय हैं, जिनके सहयोग से समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है। उन्होंने कहा कि प्रशासन उनकी मांगों के समाधान के लिए पूरी निष्ठा से काम करेगा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “संवेदनशील शासन और जागरूक समाज मिलकर ही समृद्ध झारखंड का निर्माण कर सकते हैं। इसलिए टाना भगत समुदाय सामाजिक सुधार के लिए प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर चले।”
बैठक में अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) श्री राजेश्वरनाथ आलोक, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्रीमती उर्वशी पांडेय तथा सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी उपस्थित थे।
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