12/11/25
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झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बैंक कर्मियों का किया उत्साहवर्धन, दिए आवश्यक निर्देश

रांची । झारखंड राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 93वीं त्रैमासिक बैठक बुधवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित सभागार में संपन्न हुई। बैठक में प्रदेश के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और बैंक कर्मियों का हौसला बढ़ाने का साथ ही उन्हें महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए।

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि बैंकरों में अपनी और लोगों की आय बढ़ाने की पर्याप्त क्षमता है। वर्तमान में झारखंड की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय लगभग 1,05274 है, जबकि गिरिडीह, पलामू, चतरा, गढ़वा, दुमका और साहिबगंज समेत अन्य जिलों में यह आंकड़ा 50,000 से 60,000 के बीच ही है। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने में बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

बैंकों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड के आर्थिक विकास में बैंकिंग क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन कई बैंकों की सुस्त कार्यप्रणाली और देरी से जनता निराश है। उन्होंने ‘गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना’ के लंबित आवेदनों पर नाराजगी व्यक्त की और निर्देश दिए कि 15 दिसंबर तक सभी लंबित आवेदनों का निपटारा कर दिया जाए।

समीक्षा के दौरान पता चला कि गुरुजी क्रेडिट कार्ड के लिए 1,400 आवेदन अभी लंबित हैं, जिस पर उन्होंने इसे घोर लापरवाही बताया और लंबित आवेदनों का निपटारा करने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि हर योजनाओं के सुचारू और समयबद्ध क्रियान्वयन से ही युवाओं और लघु उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य पूरा होगा।

बैठक में मंत्री ने ‘सामाजिक सुरक्षा योजनाओं’ में कमजोर प्रदर्शन, एनपीए (एनपीए) में अप्रत्याशित वृद्धि तथा कुछ जिलों में डीडीसी/डीएलबीसी बैठकें नहीं होने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बैंक जनहित योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि सभी बैंकों को शाखा विस्तार, वित्तीय साक्षरता और ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण वितरण को लेकर विशेष अभियान चलाना चाहिए, ताकि झारखंड की अर्थव्यवस्था को नई गति मिल सके।

बैठक में मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड, राज्य के अग्रणी बैंक, 24 जिलों के अग्रणी जिला प्रबंधक समेत कई अधिकारी पदाधिकारी मौजूद थे।

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